NECTAR पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को मांग में रहने वाले कौशलों से लैस करने के लिए GIS, रिमोट सेंसिंग और ड्रोन तकनीक में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है।
प्रमुख पहलें:
- MSDE और NSDC के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदाता (TP) और प्रशिक्षण केंद्र (TC) के रूप में पंजीकरण: इससे NECTAR को PMKVY 4.0 के अंतर्गत ड्रोन तकनीक पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने की अनुमति मिली है।
- JN कॉलेज, बको (गुवाहाटी) में रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (RPTO) की स्थापना: यह DGCA के सहयोग से रिमोट पायलट सर्टिफिकेशन (RPC) को अधिक सुलभ बनाएगा।
प्रशिक्षण मॉड्यूल:
- रिमोट पायलट सर्टिफिकेशन और लाइसेंसिंग (RPCL): 5 दिवसीय गहन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, RPTO द्वारा JN कॉलेज, बको में संचालित।
- ड्रोन अवेयरनेस ट्रेनिंग प्रोग्राम (DAT): 5 दिवसीय कार्यक्रम जिसमें ड्रोन तकनीक के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाता है; I-Hub Foundation for Cobotics द्वारा NECTAR मुख्यालय, GIS लैब, शिलांग में संचालित।
- ड्रोन डेटा अधिग्रहण और प्रोसेसिंग: 5 दिवसीय कक्षा आधारित कार्यक्रम, जिसमें डेटा अधिग्रहण एवं प्रोसेसिंग तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है; NECTAR मुख्यालय, GIS लैब, शिलांग में आयोजित।
- GIS और रिमोट सेंसिंग (GISRS) की मूल बातें पर मोबाइल प्रशिक्षण कार्यक्रम: 10 दिवसीय गहन कक्षा आधारित कार्यक्रम, जिसमें GIS और रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों की विस्तृत जानकारी दी जाती है; NECTAR मुख्यालय, GIS लैब, शिलांग में संचालित।
उद्देश्य:
- कुशल भू-स्थानिक तकनीकी पेशेवरों और प्रमाणित ड्रोन पायलटों का एक समूह तैयार करना।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में बेरोजगारी को दूर करने के लिए नौकरी-तैयार कौशल प्रदान करना।
- क्षेत्र के युवाओं के बीच व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना।
प्रभाव:
- अब तक 250 से अधिक छात्र इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं।
- ये पहलें पूर्वोत्तर भारत में भू-स्थानिक तकनीक क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
संक्षेप में, NECTAR भू-स्थानिक और ड्रोन तकनीक में युवाओं को मांग में रहने वाले कौशल प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास और प्रगति को बल मिल रहा है।
आखरी अपडेट : 16-07-2025 - 13:07